भक्तराज ध्रुव (Bhaktraj Dhruv)

6.00

भक्तराज ध्रुव का जीवन अपूर्व भगवन्निष्ठा तथा भगवद्भक्ति का उदाहरण है। विमाता के द्वारा अपमानित होकर एक छोटी-सी घटना उनके भगवत्साक्षात्कार का कारण बन गयी। इस पुस्कत में महान् भक्त ध्रुव के प्रेरणादायी चरित्र को पुराणों के आधार पर अत्यन्त सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है।

Add to cart
SKU: 0189 Category: