ऐतरेयोपनिषद् (Eitreyopanishad)

15.00

ऋग्वेदीय ऐतरेयारण्यक खण्ड के अध्याय 4, 5, 6 का नाम ऐतरेयोपिनषद् है। ब्रह्मविद्या प्रधान इस उपनिषद में संन्यास और ज्ञान को ही मोक्ष का हेतु बतलाया गया है। सानुवाद, शांकरभाष्य।

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