अमृत-कण (Amrit Kan)

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यह पुस्तक व्यवहार और परमार्थके सर्वोच्च शिखरपर पहुँचानेवाले (भाईजी) श्रीहनुमानप्रसाद पोद्दारके प्रौढ़ वैचारिक मनोभूमिसे निःसृत, भारतीय वर्ण-धर्मका स्वरूप, परमधाम, वैरसे भयानक दुर्गति आदि अनेक विषयोंपर दुर्लभ लेखोंका संकलन है।

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