अच्छे बनो (Achchhe Bano)
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मानव अपने उद्धार और पतन का दायित्व स्वतः वहन करता है, अतः उसे कर्तव्य-कर्म को शास्त्रोचित ढंग से सम्पादित करते हुए केवल उत्कट अभिलाषा से परमात्मज्ञान प्राप्त कर जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेना चाहिये। प्रस्तुत पुस्तक में व्यवहार तथा परमार्थ-सम्बन्धी अनेक लेखों का संग्रह किया गया है।
Description
मानव अपने उद्धार और पतन का दायित्व स्वतः वहन करता है, अतः उसे कर्तव्य-कर्म को शास्त्रोचित ढंग से सम्पादित करते हुए केवल उत्कट अभिलाषा से परमात्मज्ञान प्राप्त कर जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेना चाहिये। प्रस्तुत पुस्तक में व्यवहार तथा परमार्थ-सम्बन्धी अनेक लेखों का संग्रह किया गया है।
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