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कल्याण-प्राप्ति के उपाय (Kalyan-Prapti ke Upay)

अलग-अलग सात भागों तथा विभिन्न शीर्षकों की तेरह पुस्तकों में पूर्व प्रकाशित सरल एवं व्यावहारिक शिक्षाप्रद लेखों के इस ग्रन्थाकार संकलन में गीता-रामायण आदि ग्रन्थों के सार तत्त्वों का संग्रह है। इसके अध्ययन से साधन-सम्बन्धी सभी ...

कल्याणकारी दोहा संग्रह (Kalyankari Doha Sangrah)

इस पुस्तकमें गीताप्रेसके उद्भव और विकासके सुन्दर परिचयके साथ गीता-भवन ऋषिकेश तथा लीला-चित्र-मन्दिर गीताप्रेसकी दीवालोंपर उत्कीर्ण विभिन्न संत-महात्माओंके भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, धर्म आदि विषयोंसे सम्बन्धित सुन्दर दोहोंका संग्रह किया गया है।

कल्याणकारी प्रवचन (Kalyankari Pravachan)

यह पुस्तक भगवत्प्राप्ति के अभिलाषी साधकों के मार्गदर्शन-हेतु सरल भाषा में प्राप्त और प्रतीति, संसार में रहने की कला, अनुभव और विश्वास-जैसे अनेक विषयों पर स्वामी श्री रामसुखदास जी के प्रवचनों का संग्रह है।

कवितावली (Kavitavali)

गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा विरचित तथा श्री इन्द्रदेव नारायण जी द्वारा अनुवादित यह पुस्तक भावुक भक्तों को प्राणों के समान प्रिय है। इसमें भगवान श्रीराम के बालकाण्डसे लेकर उत्तरकाण्ड पर्यन्त लीलाओं का बड़ा ही मनोहारी ...

केनोपनिषद् (Kenopanishad)

सामवेदीय तलवकार ब्राह्मण के अन्तर्गत वर्णित इस उपनिषद में भगवान के स्वरूप और प्रभाव-वर्णन के साथ परमार्थ ज्ञान की अनिर्वचनीयता, अभेदोपासना तथा यक्षोपाख्यान में भगवान का सर्वप्रेरकत्व एवं सर्वकर्तृत्व स्वरूप दर्शनीय है। सानुवाद शांकरभाष्य।

गजेन्द्रमोक्ष (Gajendra Moksha)

इस पुस्तक में श्रीमद्भागवत से संगृहीत कष्ट और ऋण से त्राण दिलाने वाले गजेन्द्रमोक्ष के श्लोकों का सानुवाद और पद्यानुवाद सहित प्रकाशन किया गया है।

गरुडपुराण-सारोद्धार, सानुवाद (Garud Puran-Saroddhar, With Translation)

यह ग्रन्थ अत्यन्त पवित्र तथा पुण्यदायक है। श्राद्ध और प्रेतकार्य के अवसरों पर विशेषरूप से इसके श्रवणका विधान है। इस ग्रन्थ में मूल संस्कृत श्लोकों के साथ उनका सरल हिन्दी-अनुवाद दिया गया है। यह कर्मकाण्डी ब्राह्मणों ...

गीता पढ़ने के लाभ और त्याग से भगवत्प्राप्ति (Gita Padhne Ke Labh Aur Tyaag Se Bhagvat Prapti)

गीता की उपयोगिता, महत्ता तथा गीतोक्त आचरण की शिक्षा देने वाली ब्रह्मलीन श्री जयदयाल जी गोयन्दका की एक अद्भुत पुस्तक।

गीता प्रबोधनी (Gita Prabodhani)

श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में स्वामी श्री रामसुखदास जी द्वारा गीता की सरल भाषा में टीका की गयी है। संस्कृत न जानने वाले व्यक्तियों के लिये यह पुस्तक बहुत ...

गीता-चिन्तन (Gita Chintan)

परम श्रद्धेय (भाईजी) श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा भिन्न-भिन्न रूचि, अधिकार, योग्यता वाले मनुष्यों को कर्तव्य-कर्म का बोध तथा भगवान की ओर गति कराने के उद्देश्य से लिखे गये गीता-कर्म का बोध तथा भगवान की ओर ...

गीता-दर्पण (Gita-Darpan)

सरल-से-सरल शैली में गीतोक्त जीवन-कला के संवाहक श्रद्धेय स्वामी श्री रामसुखदास जी द्वारा प्रणीत इस ग्रंथरत्न के स्वाध्याय से अनेक भावुक भक्त गीता रूपी दर्पण के द्वारा आत्मपरिष्कार कर चुके हैं। इसमें गीता को सुबोध रूप ...

गीता-माधुर्य (Gita-Madhurya)

श्रीमदभगवदगीता मनुष्यमात्र को कर्तव्य और मुक्ति की शिक्षा प्रदान करनेवाला एक सार्वभौमिक ग्रन्थ है। इस पुस्तक में स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा प्रश्नोत्तर शैली में गीता के गूढ़ भावों को बड़े ही सरल तथा रोचक ...

गीता-संग्रह (Gita-Sangrah)

इस पुस्तक में गणेशगीता, हंसगीता, नारदगीता, रामगीता, उत्तरगीता, अष्टावक्रगीता, अवधूतगीता, हारीतगीता, यमगीता, भगवतीगीता इत्यादि 25 विभिन्न गीता-ग्रन्थों का सानुवाद संकलन किया गया है।

गीतावली भावार्थसहित (Geetavali, With Translation)

कविकुल-चक्रचूणामणि गोस्वामी श्री तुलसीदासजी द्वारा प्रणीत गीतावली में सम्पूर्ण रामचरित का वर्णन पदों में किया गया है। इस ग्रंथ में गोस्वामीजी ने अपने इष्टदेव की मधुर झाँकी तथा श्रीराम के करुणापक्ष के वर्णन को विशेष प्रथमिकता ...