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सुंदर समाज का निर्माण (Sundar Samaj Ka Nirman)

समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिये स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज की एक सर्वजनोपयोगी पुस्तक - जिसका स्वाध्याय व्यक्ति को कर्तव्य-बोध कराकर आत्मपरिष्कार की योग्यता प्रदान करता है।

सूर-राम-चरितावली (Soor-Ram-Charitavali)

प्रस्तुत पुस्तक में श्री सूरदास जी के रामचरित-सम्बंधी पदों का संग्रह है। इन पदों में भगवान श्रीराम के अनुकरणीय आदर्श लीलाओं का बहुत ही मौलिक एवं रसमय वर्णन किया गया है। पुस्तक के अन्त में परिशिष्ट ...

सूर-विनय-पत्रिका (Soor-Vinay-Patrika)

महाकवि श्री सूरदास जी के द्वारा विरचित 309 पदों के इस संग्रह में वैराग्य, अनित्यता, विनय, प्रबोध तथा चेतावनी आदि विषयों का सुन्दर वर्णन है। पुस्तक में आये हुए मुख्य कथा-प्रसंग पुस्तक के अन्त में परिशिष्ट ...

सूर्यांक (Surya Ank)

भगवान् सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। इन में समस्त देवताओं का निवास है। अतः भगवान् सूर्य सभी के लिये उपास्य और आराध्य हैं। प्रस्तुत विशेषांक में विभिन्न संत-महात्माओं के सूर्य-तत्त्व पर सुन्दर लेखों के साथ वेदों, पुराणों, ...

स्त्रियों के लिये कर्तव्य शिक्षा (Striyo Ke Liye Kartavya Shiksha)

इसमें स्त्रियों के कर्तव्य, आचार-व्यवहार, पातिव्रत-धर्म, पवित्र चरित्र आदि विषयों के प्रतिपादन के साथ पतिव्रता सुकला, सावित्री आदि के त्याग बलिदान का मार्मिक वर्णन किया गया है।

स्वर्णपथ (Swarn-Path)

इस विशाल संसार में ईश्वर ही सुख-शान्ति का आगार है। जीवन की सच्ची समृद्धि प्राप्त करने के लिये हमें आस्तिक बन कर अपने जीवन एवं आदर्शों का सही निर्माण करना चाहिये। डॉ. रामचरण महेन्द्र के द्वारा ...

हनुमानबाहुक (Hanuman Bahuk)

गोस्वामी जी के द्वारा विरचित यह स्तुत्यात्मक काव्य त्रिताप-निवारक तथा श्रीहनुमान जी की प्रसन्नता-हेतु सबल आधार है। इसके पाठ से आपत्तियों का शमन एवं हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

हिन्दी बालपोथी, शिशु पाठ, भाग-1, रंगीन (Hindi Bal Pothi, Shishu Path, Volume-1, Coloured)

गीताप्रेस का उद्देश्य है भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकों का निर्माण। इस उद्देश्य की सिद्धि के लिये यहाँ से सतत बालोपयोगी सत्साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस ...

हिन्दी बालपोथी, शिशु पाठ, भाग-2 (Hindi Bal Pothi, Shishu Path, Volume-2)

गीताप्रेसका उद्देश्य है – भारतीय संस्कृति और सभ्यताके उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकोंका निर्माण। इस उद्देश्यकी सिद्धिके लिये यहाँसे सतत बालोपयोगी सत्साहित्यका सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस पुस्तकमें सम्पूर्ण वर्णमाला रंगीन बहुरंगे चित्रोंके ...

हिन्दी बालपोथी, शिशु पाठ, भाग-3 (Hindi Bal Pothi, Shishu Path, Volume-3)

गीताप्रेस का उद्देश्य है भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकों का निर्माण। इस उद्देश्य की सिद्धि के लिये यहाँ से सतत बालोपयोगी सत्साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस ...

हिन्दी बालपोथी, शिशु पाठ, भाग-4 (Hindi Bal Pothi, Shishu Path, Volume-4)

गीताप्रेस का उद्देश्य है – भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकों का निर्माण। इस उद्देश्य की सिद्धि के लिये यहाँ से सतत बालोपयोगी सत्साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। ...

हिन्दी बालपोथी, शिशु पाठ, भाग-5 (Hindi Bal Pothi, Shishu Path, Volume-5)

गीताप्रेसका उद्देश्य है भारतीय संस्कृति और सभ्यताके उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकोंका निर्माण। इस उद्देश्यकी सिद्धिके लिये यहाँसे सतत बालोपयोगी सत्साहित्यका सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस पुस्तकमें सम्पूर्ण वर्णमाला रंगीन बहुरंगे चित्रोंके साथ ...

हृदय की आदर्श विशालता (Hriday Ki Aadarsh Vishalata)

इस पुस्तक में कल्याण के (पढ़ो, समझो और करो) शीर्षक में पूर्व प्रकाशित सत्य घटनाओं का ईश्वर-प्रार्थना का फल, सेठ की सहृदयता, गरीब की ईमानदारी, बड़ों का पुण्य, आनन्द के आँसू, चिथड़े में छिपे लाल आदि ...