श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराजके द्वारा प्रणीत इस पुस्तकमें सब साधनोंका सार, अपना किसे मानें?, सच्ची बात, कल्याणका निश्चित उपाय आदि बारह शीर्षकोंके माध्यमसे साधनाके गम्भीर रहस्योंका सुन्दर प्रतिपादन किया गया है।
अलग-अलग सात भागों तथा विभिन्न शीर्षकों की तेरह पुस्तकों में पूर्व प्रकाशित सरल एवं व्यावहारिक शिक्षाप्रद लेखों के इस ग्रन्थाकार संकलन में गीता-रामायण आदि ग्रन्थों के सार तत्त्वों का संग्रह है। इसके अध्ययन से साधन-सम्बन्धी सभी ...
श्री पराशर ऋषि-प्रणीत यह पुराण अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसके प्रतिपाद्य भगवान् विष्णु हैं, जो सृष्टि के आदिकारण, नित्य, अक्षय, अव्यय तथा एकरस हैं। इसमें आकाश आदि भूतों का परिमाण, समुद्र, सूर्य आदि का परिमाण, पर्वत, देवतादि ...
यह ग्रन्थ गीताप्रेस से प्रकाशित स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत लगभग 50 पुस्तकों का ग्रन्थाकार संकलन है। इस में परमात्मप्राप्ति के अनेक सुगम उपायों का सरल भाषा में अत्यन्त मार्मिक विवेचन किया गया ...
कल्याण का यह अंक साधनापरक बहुमूल्य मार्ग-दर्शन से ओत-प्रोत है। इस में साधना-तत्त्व, साधना के विभिन्न स्वरूप, ईश्वरोपासना, योगसाधना, प्रेमाराधना आदि अनेक कल्याणकारी साधनों और उनके अंग-उपांगों का शास्त्रीय विवेचन है।
मनुष्य जब तक दूसरे व्यक्ति, वस्तु, परिस्थिति, स्थान में सुख और शान्ति की तलाश करने का प्रयास करता है तब तक उसके हाथ दैन्य, निराशा और विषाद ही लगता है। वास्तविक सुख-शान्ति प्रभु की भक्ति तथा ...
यह पुस्तक दो बहनों के संवाद के रूपमें लिखी गयी आध्यात्मिक जीवन की अनुपम पाठशाला है। इसमें सुख की खोज, शान्ति का साधन, प्रेम में परमेश्वर, धर्म का रहस्य, दिव्य संदेश, दुःख का घर, बोध-वाटिका आदि ...
मानव-जीवन को नियन्त्रित कर कर्तव्य-बोध तथा आत्म-शोध की प्रेरणा देने वाले श्री भाईजी के धर्म के विविध रूप, दया-धर्म का स्वरूप, तीर्थों की महिमा आदि विषयों पर लिखे गये अनेक लेखों का सुन्दर संकलन।