विशाल भारत के अनेकों स्थानों पर लिंगरूप से भगवान् शिव की पूजा-अर्चना होती चली आ रही है। ये स्वल्प उपासना से प्रसन्न होकर भक्तों को मनोवाञ्छित फल प्रदान करते हैं। इस पुस्तक में भगवान् शिव के ...
मानव अपने उद्धार और पतन का दायित्व स्वतः वहन करता है, अतः उसे कर्तव्य-कर्म को शास्त्रोचित ढंग से सम्पादित करते हुए केवल उत्कट अभिलाषा से परमात्मज्ञान प्राप्त कर जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेना चाहिये। ...
यह परम पवित्र गाथा भगवान् शंकर द्वारा आदिशक्ति जगदम्बा पार्वतीजी को सुनायी गयी थी। यह कथा ब्रम्हाण्डपुराण के उत्तरखण्ड में आयी है, अतः इसके रचयिता भी महामुनी व्यास हैं। इसमें परम रसायन रामचरित्र का वर्णन और ...
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भगवान् शंकराचार्य के द्वारा प्रणीत यह छोटी-सी पुस्तिका तत्त्वज्ञान के बहुमूल्य उपदेशों के रूप में आत्मसाक्षात्कार का महामन्त्र है। सरल अनुवाद के साथ उपलब्ध।
अलग-अलग सात भागों तथा विभिन्न शीर्षकोंकी तेरह पुस्तकोंमें पूर्व प्रकाशित सरल एवं व्यावहारिक शिक्षाप्रद लेखोंके इस ग्रन्थाकार संकलनमें गीता-रामायण आदि ग्रन्थोंके सार तत्त्वोंका संग्रह है। इसके अध्ययनसे साधन-सम्बन्धी सभी जिज्ञासाओंका सहज ही समाधान हो जाता है। ...
यह पुस्तक व्यवहार और परमार्थके सर्वोच्च शिखरपर पहुँचानेवाले (भाईजी) श्रीहनुमानप्रसाद पोद्दारके प्रौढ़ वैचारिक मनोभूमिसे निःसृत, भारतीय वर्ण-धर्मका स्वरूप, परमधाम, वैरसे भयानक दुर्गति आदि अनेक विषयोंपर दुर्लभ लेखोंका संकलन है।
कल्याण में पढ़ो, समझो और करो शीषर्क के अन्तर्गत पूर्व प्रकाशित प्रेरक-प्रसंगों के इस संग्रह में दानव और देवता, तांगेवाले की ईमानदारी, मनुष्य का कर्तव्य, सहानुभूति, जीवन-दान आदि 71 आदर्श घटनाओं का प्रकाशन किया गया है। ...
यह पुस्तक कल्याण में समय-समय पर प्रकाशित सत्य घटनाओं का प्रेरक प्रसंगों के रूपमें ऐसा मार्मिक चित्रण है कि इसे पढ़ते-पढ़ते आँखों से प्रेमाश्रु छलक पड़ें। आदर्श उपकार, स्वप्न के स्वरूप में सत्य, बहू की बुद्धि, ...
कहानियों के माध्यम से उपदेशात्मक सूत्रों की व्याख्या भारत की प्राचीन कला है। कहानियों के द्वारा पारमार्थिक एवं लौकिक शिक्षा सरलता से दी जा सकती है। इस पुस्तक में स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज के प्रवचनों ...
ब्रह्मलीन श्री जयदयाल जी गोयन्दका द्वारा पराम्बा, सीता, देवी कुन्ती, द्रौपदी, गान्धारी के जीवन-चरित्र का अनूठा चित्रण, जिसमें उनके पति-प्रेम, पति-सेवा, त्याग, सहिष्णुता, निर्भयता आदि गुणों के विषय में ऐसा मनोहर वर्णन किया गया है जिसे ...
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